डलहौज़ी हलचल (चंबा) : हिमाचल प्रदेश में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की योजनाएं मजदूरों के आर्थिक सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण माध्यम बन रही हैं। राज्य सरकार के मार्गदर्शन में चलाई जा रही इन योजनाओं का लाभ हजारों मजदूरों और उनके आश्रितों को मिल रहा है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। पिछले एक साल में ही चंबा जिले में 667 कामगारों को लगभग 2 करोड़ 91 लाख रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया गया है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में सहायक साबित हो रहा है।
कल्याणकारी योजनाओं के लाभ
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत मजदूरों को 13 विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। इन योजनाओं के तहत श्रमिकों को विवाह, शिक्षा, चिकित्सा सहायता, मातृत्व और पितृत्व लाभ, मृत्यु सहायता आदि कार्यों के लिए वित्तीय मदद दी जाती है। अप्रैल 2023 से अगस्त 2024 तक की अवधि में, 683 नए श्रमिक पंजीकृत हुए और 667 कामगारों को इन योजनाओं का लाभ दिया गया। इस दौरान कुल 2 करोड़ 90 लाख 90 हजार 101 रुपये की सहायता वितरित की गई।
इसमें शामिल हैं:
- विवाह सहायता: 395 कामगारों को 2 करोड़ 1 लाख 45 हजार रुपये दिए गए।
- शैक्षिक सहायता: 202 श्रमिकों को 56 लाख 5 हजार 600 रुपये की राशि प्रदान की गई।
- मृत्यु एवं अंतिम संस्कार: 8 श्रमिकों को 19 लाख 60 हजार रुपये मिले।
- मातृत्व/पितृत्व सहायता: 57 श्रमिकों को 12 लाख 16 हजार रुपये की सहायता दी गई।
- चिकित्सा सहायता: 3 श्रमिकों को 1,31,501 रुपये की चिकित्सा मदद मिली।
- बच्चों के छात्रावास हेतु सहायता: 2 श्रमिकों को 32,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।

जिला चंबा में आर्थिक सशक्तिकरण की तस्वीर
जिला श्रम कल्याण अधिकारी चंबा तथा बोर्ड के उप-कार्यालय डलहौजी के माध्यम से इन योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्तमान में जिला चंबा में कुल 34,811 श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें से 33,633 श्रमिक जिला श्रम अधिकारी चंबा के अंतर्गत और 1,178 श्रमिक बोर्ड के उप-कार्यालय डलहौजी में पंजीकृत हैं। अप्रैल 2023 से अब तक 683 नए कामगारों का पंजीकरण किया गया है, जिससे कुल पंजीकृत श्रमिकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
विशेष लाभ और सहायता
बोर्ड की योजनाओं के तहत जिला चंबा में अब तक कुल 22,080 कामगारों को लाभ पहुंचाया गया है। इनमें 1,464 श्रमिकों को शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता, 1,331 श्रमिकों को विवाह के लिए आर्थिक मदद, 123 को मातृत्व, 31 को पितृत्व, 35 श्रमिकों को मृत्यु एवं अंतिम संस्कार हेतु सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, 175 श्रमिकों को केरोसिन, 58 को साइकिल, 26 को चिकित्सा सहायता, और 9 श्रमिकों को जीवन सुरक्षा बीमा योजना का लाभ दिया गया है।
बोर्ड ने 2,985 श्रमिकों को इंडक्शन हीटर, 219 को साइकिल, 1,306 को सोलर लैंप, और 325 को वाशिंग मशीनें भी प्रदान की हैं। इसके अतिरिक्त, कोरोना काल के दौरान 13,993 कामगारों को 2,000 रुपये की नगद सहायता दी गई थी।
पंजीकरण की पात्रता
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण के लिए ऐसे श्रमिक पात्र होते हैं, जो भवन निर्माण, सड़कों, जल निकास, विद्युत कार्य, पुल-पुलियों का निर्माण, और अन्य सन्निर्माण कार्यों में पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 दिन कार्य कर चुके हैं। श्रमिक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
पंजीकरण की प्रक्रिया
कामगार पंजीकरण के लिए संबंधित जिला श्रम कल्याण अधिकारी के कार्यालय में निम्न दस्तावेज़ जमा करने होते हैं:
- आधार कार्ड की प्रति
- बैंक पासबुक की प्रति
- राशन कार्ड/परिवार रजिस्टर की प्रति
- दो पासपोर्ट साइज फोटो
- आयु प्रमाण पत्र (जैसे परिवार रजिस्टर, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, या मतदाता पहचान पत्र)
पंजीकरण के लिए इच्छुक व्यक्ति हिमाचल प्रदेश कामगार बोर्ड की वेबसाइट https://bocw.hp.nic.in पर भी जाकर ऑनलाइन पंजीकरण या नवीनीकरण कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की योजनाएं मजदूरों के आर्थिक सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरी हैं। इन योजनाओं के माध्यम से मजदूरों को न केवल वित्तीय सहायता मिल रही है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। सरकार की इस पहल से मजदूरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं।