World Heritage Kalka Shimla Railway : डलहौज़ी हलचल (शिमला) : जल्द ही विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलमार्ग पर हाइड्रोजन ट्रेन चलेगी। यह हाइड्रोजन ट्रेन नैरोगेज पर चलने वाली देश की पहली ट्रेन होगी।
रेलवे बोर्ड ने कालका-शिमला नैरोगेज लाइन पर हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का ट्रायल शुरू कर दिया है । 2024-25 के बजट में, केंद्रीय सरकार ने उत्तरी रेलवे के हेरिटेज इंफ्रास्ट्रक्चर पर हाइड्रोजन ट्रेन को शामिल किया है।
हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन कालका, शिमला और बड़ोग स्टेशन पर स्थापित जाएंगे, जिससे कालका-शिमला रेलवे खंड पर हाइड्रोजन ट्रेन चलेगी। इन तीन स्टेशनों पर हाइड्रोजन को पानी से निकालकर ईंधन बनाने के प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए भी कालका-शिमला रेलवे खंड का सर्वे किया गया है। इस रेल खंड पर फिलहाल डीजल इंजन से ही ट्रेनें चल रही हैं।

हाइड्रोजन एक प्रदूषण रहित स्वच्छ ईंधन है। हाइड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल से सिर्फ जल वाष्प निकलते हैं, जो हरित आवरण में सुरक्षित और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित हैं। रेलवे का लक्ष्य है कि हरित ईंधन पर निर्भर ट्रेनें उपलब्ध कराने के लिए डीजल से चलने वाले लोकोमोटिव (इंजन) को हाइड्रोजन इंजन में बदल दें। हाइड्रोजन चालित ट्रेनों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह ट्रेन सेट के रूप में शुरू करने की योजना है।
मंदीप सिंह भाटिया, अंबाला मंडल के डीआरएम ने बताया की यह हाइड्रोजन ट्रेन नैरोगेज लाइन पर चलने वाली देश की पहली ट्रेन होगी। कालका-शिमला रेलमार्ग पर तीन हाइड्रोजन गैस स्टेशन बनाए जाएंगे।