डलहौजी हलचल (चंबा): आज 10 अक्टूबर 2024 को चाइल्ड हेल्पलाइन चंबा द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कडेड के बच्चों, अध्यापकों और अन्य स्टाफ के लिए एक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था, ताकि उन्हें विभिन्न सरकारी सेवाओं और चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से मिलने वाली सहायता की जानकारी मिल सके।
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098: बच्चों के लिए जीवन रक्षक सेवा
कार्यक्रम के दौरान चाइल्ड हेल्पलाइन के केस वर्कर रीतू कुमारी और पंकज कुमार ने चाइल्ड हेल्पलाइन टोल-फ्री नंबर 1098 के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस हेल्पलाइन का उद्देश्य अनाथ, अर्ध-अनाथ, मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम, बाल शोषण, बाल मजदूरी, बाल विवाह, और बाल तस्करी जैसी समस्याओं से जूझ रहे बच्चों की मदद करना है। यह सेवा निःशुल्क और हर समय उपलब्ध है।
पोक्सो अधिनियम और बाल अधिकारों पर चर्चा
शिविर में पोक्सो अधिनियम (POCSO Act) के तहत बच्चों के शोषण के खिलाफ कानूनी उपायों और उनके अधिकारों के बारे में भी बताया गया। उपस्थित सभी प्रतिभागियों को यह जानकारी दी गई कि बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा, शोषण या छेड़छाड़ को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। बच्चों के बेहतर संरक्षण के लिए स्कूल और घरों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
बाल तस्करी और सोशल मीडिया सुरक्षा
बाल तस्करी (Child Trafficking) और सोशल मीडिया की सुरक्षा पर विशेष रूप से चर्चा की गई। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बच्चों को ब्लैकमेलिंग, साइबरबुलिंग, और अनजान लोगों से बचने के उपाय बताए गए। उन्हें सिखाया गया कि कैसे वे सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श का अंतर समझ सकते हैं, और किसी भी खतरनाक स्थिति में चाइल्ड हेल्पलाइन से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
नैतिक शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर मार्गदर्शन
शिविर में बच्चों को नैतिक शिक्षा, अनुशासन, और स्वास्थ्य संबंधी सुझाव भी दिए गए। चाइल्ड हेल्पलाइन कर्मियों ने बच्चों को स्वच्छता, सही खान-पान, और रोजमर्रा की जिंदगी में अनुशासन के महत्व को समझाया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों और स्टाफ की भागीदारी
इस जागरूकता शिविर में कुल 212 बच्चों, 12 अध्यापकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ ने भाग लिया। सभी ने कार्यक्रम को सराहा और इसे बेहद लाभकारी बताया।