डलहौज़ी हलचल (शिमला): सनरॉक प्ले स्कूल, गुम्मा, कोटखाई में दिवाली पर्व का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया, जिसमें बच्चों, अभिभावकों और स्टाफ के सभी सदस्य शामिल हुए। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य शैलजा अमरेईक ने सभी प्रदेशवासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई दी और नन्हे-मुन्ने बच्चों को दिवाली के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दीपावली का पर्व सभी के जीवन में खुशी और नया उत्साह लेकर आता है।
शैलजा अमरेईक ने कहा कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास समाप्त कर और रावण का संहार कर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर इस महोत्सव को मनाया था। कृष्ण भक्ति के लोग इसे नरकासुर के वध से जोड़ते हैं, जिससे अत्याचार से त्रस्त जनता में हर्ष फैल गया था। इसके अलावा, यह दिन समुद्रमंथन से लक्ष्मी और धन्वंतरि के प्रकट होने का भी प्रतीक है। उन्होंने बच्चों को पटाखों के सुरक्षित उपयोग और जुए जैसी कुरीतियों से दूर रहने की सीख दी।
शिक्षा और प्रवेश की सुविधा
प्रधानाचार्या ने बताया कि सनरॉक प्ले स्कूल बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयासरत है और क्षेत्र के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है। स्कूल में नर्सरी, के.जी. और क्रेच की सुविधाएं उपलब्ध हैं। दिवाली के अवसर पर स्कूल ने नए प्रवेश पर 50% की छूट की घोषणा की है, और बच्चों के लिए परिवहन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया और खूब मस्ती की, जिससे दिवाली का जश्न और भी रंगीन हो गया।