डलहौज़ी हलचल (चंबा) : शहीद भगत सिंह के चाचा सरदार अजीत सिंह की पुण्यतिथि को सम्मानित करने के लिए जम्हूरियत किसान सभा ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज डलहौज़ी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में, किसान सभा ने 14 अगस्त को सरदार अजीत सिंह के समाधि स्थल पंजपुल्ला में आयोजित होने वाले समारोह की प्रशंसा की और इस दिन को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने की मांग उठाई।
डलहौज़ी में शहीद भगत सिंह के चाचा को याद करने का अनूठा प्रयास
सभा के अध्यक्ष डॉ. सतनाम सिंह अजनाला ने कहा कि डलहौज़ी का यह छोटा शहर, जिसकी आबादी मात्र दो हजार है, वर्षों से सरदार अजीत सिंह की पुण्यतिथि को श्रद्धापूर्वक मनाता आ रहा है। इसी प्रेरणा से, जम्हूरियत किसान सभा ने निर्णय लिया है कि पंजाब, हरियाणा, और देश के अन्य हिस्सों में भी इस दिन को इसी प्रकार मनाया जाएगा। सभा द्वारा सरकार से इस दिन को राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित करने की मांग की जाएगी।
खुली मंडी के विरोध में सरदार अजीत सिंह के विचारों से प्रेरित जम्हूरियत किसान सभा
डॉ. सतनाम सिंह ने कहा कि आजादी की लड़ाई में सरदार अजीत सिंह के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने लाला लाजपत राय के साथ मिलकर अंग्रेजों के काले कानूनों के खिलाफ सम्पूर्ण भारत में प्रदर्शन किए, जिससे भारत छोड़ो आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा। जम्हूरियत किसान सभा ने सरदार अजीत सिंह के विचारों को जीवित रखने के उद्देश्य से खुली मंडी के विरोध की भी घोषणा की, क्योंकि यह किसानों के हितों के खिलाफ प्रतीत होता है।
सरदार अजीत सिंह के समाधि स्थल पर असामाजिक गतिविधियों पर जताई गई चिंता
इस अवसर पर, किसान सभा के सदस्यों ने सरदार अजीत सिंह के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डलहौज़ी प्रशासन से इस ऐतिहासिक स्थल की उचित देखरेख और मरम्मत के लिए विशेष प्रबंध करने की मांग की। सभा ने चिंता व्यक्त की कि समाधि स्थल के पीछे कुछ असामाजिक गतिविधियाँ चल रही हैं, जो बेहद आहत करने वाली हैं।