डलहौज़ी हलचल (ब्युरो) : नई शिक्षा नीति के अनुरूप, बुधवार को केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए एकेडमिक सेशन हेतु नोटिफिकेशन जारी किया जो कहता है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं अब एक वर्ष में दो बार कराई जाएंगीं। विद्यार्थी के दोनों परीक्षाओं में जिसमे अधिक अंक होंगे उसे गिना जाएगा।
इसके अलावा, दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा जिसमे एक भारतीय भाषा होनी अनिवार्य है । लेकिन विद्यार्थियों को सब्जेक्ट चुनने की अनुमति होगी। उन पर चुनी गई स्ट्रीम के आधार पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि 2024 तक स्कूलों की किताबों में भी बदलाव होंगे। अब किताबों में भारी-भरकम सिलेबस भी नहीं होगा। किताबों का मूल्य भी कम होगा।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी-2020 के अनुरूप नया सिलेबस बनाया जाएगा। जिसमें स्कूल बोर्ड कोर्स पूरा होने पर ऑन डिमांड परीक्षा की मांग कर सकेंगे। इन बदलावों का उद्देश्य विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करने के मुकाबले अपनी समझ और उपलब्धि का विश्लेषण करना है।
29 जुलाई 2020 को मंत्रिमंडल ने नवीनतम शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी । शिक्षा नीति में गुणवत्ता और समानता जैसे कई मुद्दे इसमें ध्यान में रखे गए । नई शिक्षा नीति पर सरकार ने केंद्र और राज्य के सहयोग से जीडीपी का 6% खर्च करने का लक्ष्य रखा है। नवीन शिक्षा नीति आने से 34 साल पहले शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी, । 2020 के पहले तक इसमें सिर्फ बदलाव किए जाते थे।