डलहौज़ी हलचल (चंबा): जिला चंबा और लाहौल स्पीति के सीमांत क्षेत्रों में पुलिस पोस्टों, थानों और चौकियों पर सेवाएं दे रहे लगभग 500 एसपीओ जवानों को 28 अक्टूबर को मानदेय नहीं मिल सका। ये जवान पिछले 25 वर्षों से पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इस बार प्रदेश सरकार ने बजट की कमी के कारण इनका मानदेय रोक दिया है। जहां सरकार ने आंगनबाड़ी, आशावर्कर और अन्य नियमित-अनियमित कर्मचारियों को मानदेय, वेतन, और 4% डीए जारी किया, वहीं एसपीओ जवानों की अनदेखी की गई है।
आम आदमी पार्टी ने जताया रोष
इस अनदेखी पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या एसपीओ जवानों के परिवारों के लिए दिवाली नहीं है?” जब प्रदेश के सभी वर्गों को मानदेय और डीए दिया गया, तो एसपीओ जवानों के साथ यह भेदभाव क्यों? सरीन ने कहा कि सरकार की इस उपेक्षा से इन जवानों में भारी आक्रोश है। दशकों से एसपीओ जवानों का शोषण हो रहा है और अब उनके अधिकारों का हनन अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
मुख्यमंत्री से अपील
मनीष सरीन ने मुख्यमंत्री से अपील की कि एसपीओ जवानों के प्रति मानवीयता दिखाते हुए जल्द से जल्द उनकी वेतन अदायगी की जाए, ताकि वे भी अपने परिवार के साथ त्यौहार की खुशियां मना सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी एसपीओ वर्ग के मुद्दों को उठाने के लिए हमेशा संघर्षरत रही है और आगे भी इस वर्ग के हक के लिए खड़ी रहेगी।