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बचत भवन चम्बा में सजी कवियों की महफ़िल: स्थानीय और युवा प्रतिभाओं का मंच

Dalhousie Hulchul
बचत भवन चम्बा में सजी कवियों की महफ़िल
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डलहौज़ी हलचल (चंबा): बचत भवन चंबा में भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा ज़िला स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें उपायुक्त चंबा, श्री मुकेश रेपसवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव और सहायक आयुक्त-उपायुक्त श्री पृथी पाल सिंह वशिष्ठ उपस्थित रहे। ज़िला भाषा अधिकारी, तुकेश शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में चंबा ज़िले के विभिन्न हिस्सों से आए कवियों ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।

कविताओं का अनूठा संगम

कार्यक्रम में सहायक आयुक्त श्री पृथी पाल सिंह ने अपनी मशहूर कविताएँ ‘शिव’ और ‘खज्जियार झील एक प्रेयसी या नायिका’ प्रस्तुत कीं, जिन्होंने सभागार में उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच संचालन जगजीत आज़ाद और युद्धवीर टंडन द्वारा किया गया, जिन्होंने अपने अनूठे अंदाज से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

बचत भवन चम्बा में सजी कवियों की महफ़िल
बचत भवन चम्बा में सजी कवियों की महफ़िल

कवियों की रंगारंग प्रस्तुतियाँ

इस ज़िला स्तरीय कवि सम्मेलन में कई प्रतिभाशाली कवियों ने अपने शब्दों की कला का प्रदर्शन किया:

  • कवि करुण ने पहाड़ी में अपनी कविता ‘ओ चहन्दा मैं झुकी जा’ से दर्शकों का दिल जीत लिया।
  • पारुल जसरोटिया ने ‘चला बहनजी चुगली लांदे’ कविता से जमकर वाहवाही लूटी।
  • राकेश ठाकुर की कविता ‘एक क्रांति का सिरफिरा, सबकी आंखों का किरकिरा’ ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
  • शाम अजनबी ने अपनी कविता ‘सौ बर्ष की योजनाएं सब यहीं रह जाएंगी’ के माध्यम से श्रोताओं को प्रभावित किया।
  • किरण बशिष्ठ ने ‘दिल्ली होना कहाँ आसान’ कविता से समकालीन चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
  • उपासना पुष्प ने ‘कई वर्षों के जीवन में कविता’ से जीवन के अनुभवों का चित्रण किया।
  • प्रोफेसर प्रशांत रमण ने अपनी कविताओं को तरन्नुम में गाकर सुनाया, जिससे माहौल में एक नया रंग भर दिया।
बचत भवन चम्बा में सजी कवियों की महफ़िल
बचत भवन चम्बा में सजी कवियों की महफ़िल

वरिष्ठ और युवा कवियों का संगम

इस सम्मेलन में वरिष्ठ कवियों के साथ-साथ युवा और बाल कवियों ने भी मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वरिष्ठ कवि अशोक दर्द ने अपनी व्यंग्यात्मक कविता ‘मंत्री बन गया मैं’ से श्रोताओं को हंसने पर मजबूर किया। वहीं, केवल कुमार की ‘भारत अगर बचाना है’ कविता ने देशभक्ति की भावना को प्रबल किया। कुमार साहिल की गज़लों ने कार्यक्रम में एक नई ऊर्जा भर दी।

कला और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में कदम

मुख्य अतिथि उपायुक्त श्री मुकेश रेपसवाल ने इस अवसर पर सभी कवियों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से प्रतिभागियों को अपनी कला और अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने का अद्वितीय अवसर मिलता है। यह कविता जैसी कला की समृद्धि में योगदान देता है। उन्होंने कहा कि चंबा ज़िले में कवियों और कलाकारों की कोई कमी नहीं है, और इस तरह के कार्यक्रम नए कवियों को तराशने का शानदार मौका प्रदान करते हैं।

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है।