डलहौज़ी हलचल (ऊना) : डॉ. वीरेंदर कुमार बग्गा, परियोजना निदेशक, आतमा कृषि विभाग, ने 2022–2023 की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की वार्षिक रिपोर्ट उपायुक्त राघव शर्मा को भेंट की । रिपोर्ट में पूरे हिमाचल प्रदेश राज्य में प्राकृतिक खेती के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया गया है। इस रिपोर्ट में किसानों द्वारा खेतों, राज्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई शिमला द्वारा किये गये प्रयासों और सरकार द्वारा आतमा कृषि में समीक्षा कार्यों का विश्लेषण किया गया है।
डॉ. बग्गा ने बताया कि किसानों ने 2018 से लेकर आज तक प्राकृतिक खेती के माध्यम से अधिक क्षेत्रफल को इसके अधीन ला रहे हैं और किसानों ने विभिन्न रबी व खरीफ मौसम की सब्जियाँ जैसे खीरा, घीया, काली तोरी, बैंगन, करेले, भिंडी, कद्दू, पंडोल, मटर, गोभी, आलू, मूली, मेथी, पालक, दलहनी और तिलहनी फसलें और फलों में आम, अनार , स्ट्राबेरी तथा सेब इत्यादि प्राकृतिक खेती द्वारा पैदा कर रहे हैं।
उन्हें बताया गया कि प्राकृतिक खेती विधि से उगाई गई सब्जियों को बेचने के लिए मिनी सचिवालय के प्रांगण में उपयुक्त स्थान देने का अनुरोध किया गया था, जिस पर उपायुक्त ने सहमति दी है। इस व्यवस्था से किसानों को उनके प्राकृतिक उत्पादों को जिला के बाहर नहीं भेजना पड़ेगा, और यह सुविधा जिला मुख्यालय में आने बाले समय में उपलब्ध होगी।
डॉ. बग्गा, ऊना के उप परियोजना निदेशक डॉ. संतोष शर्मा और मिस्टर ऋषि गर्ग भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।