भाषा - संस्कृति विभाग कार्यालय ज़िला भाषा - संस्कृति अधिकारी बिलासपुर और कल्याण कला मंच की कोशिश
भाषा - संस्कृति विभाग कार्यालय ज़िला भाषा - संस्कृति अधिकारी बिलासपुर और कल्याण कला मंच की कोशिश

डलहौज़ी हलचल (बिलासपुर) : भाषा - संस्कृति विभाग कार्यालय ज़िला भाषा - संस्कृति अधिकारी बिलासपुर और कल्याण कला मंच बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल कंदरौर के प्रांगण में एक बहुभाषी संगोष्ठी व सांस्कृतिक कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।
जिसका मुख्य थीम स्थानीय भाषा और संस्कृति रहा । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय समाज सेविका कला देवी व कार्यक्रम की अध्यक्षता सम्माननीय मंच के संरक्षक चंद्रशेखर पंत और बुद्धि सिंह चंदेल ने संयुक्त रूप से की । मंच संचालन राकेश मिन्हास और हेमराज शर्मा ने अत्यंत प्रभावी अंदाज में किया ।नव वर्ष के अवसर पर हुई मंच की पहली संगोष्ठी का आगाज़ बिलासपुर शहर से पधारे रामपाल डोगरा ने आंखें आंख ही दिशाहीन है आंखों का दोष है आंखें ही कहती है , रौड़ा सेक्टर से पधारे विख्यात कहलूरी कवि जीतराम सुमन ने मैं पर्यावरण हूं जैव मंडल का आवरण हूं , घुमारवीं की वीना वर्धन ने अपने अंदाज में ठंडी ने दंदली छुट्टी जांदी आजकला बड़ी पारी ठंड लगदी आजकला , नन्हे गायक शिवांश ने नन्हा मुन्ना राही हूं देश का सिपाही हूं , झंडूता की रचना चंदेल ने जन जन के नायक जन गण गान करो , कहलूरी के हस्ताक्षर लश्करी राम ने भला बाबा जी कालेया मंदर तेरा जी बाबा हनुमान टील्ले , बीमा क्षेत्र के अधिकारी जोगिंद्र महाजन ने फाईनल पेपर में मुन्ने के कम नंबर आए मुन्ने के पिता अपनी पत्नी पर चिल्लाए , कार्यक्रम के आयोजक व मुख्याध्यापक रविंद्र ठाकुर ने अच्छा मज़ाक करते हैं लोग खुद तय कर मुकर जाते हैं लोग , मंच की महासचिव तृप्ता कौर मुसाफिर ने म्हारा म्हांचल ओ बड़ा बांका तू गल्ल सुण ओ माणुवा , कॉलेज गणित के सह आचार्य डॉ. जय महल वाल ने पया बरफ उचियां उचियां धारां ते बरखा रा नी रया नसाण , बल्ह के कथा वाचक आचार्य जगदीश सहोता ने विशिष्ट शैली में भजन तू मुं कन्ने बोल्या मीट्टठी बिंदिए , हिमाचल प्रदेश के लोक कलाकार रविंद्र चंदेल कमल ने सूरज को आकर चमकना ही होगा नित चलना ही होगा तरन्नुम में गीत सुनाकर दर्शकों से वाहवाही ली , सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल कंदरौर के छात्र-छात्राओं ने भी सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पेश की , बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक सेवानिवृत्त मनसा राम ने कार्यक्रम और मंच के ध्येय की प्रशंसा की तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया , वहीं स्थानीय शिक्षक देशराज ठाकुर ने संस्कृति के संवर्धन में मंच के प्रयासों को सराहा , प्रधान सुरेंद्र सिंह मिन्हास कहलूरी की रचना खिल्ले खेत बीऊ बाहणे जो होई गयी पछेत सुणो पाईयो , बरखे रैहणे खिल्ले खेत समयानुसार समसामयिक रही , मंच संचालक राकेश मिन्हास ने अपनी बुलंद आवाज़ में गीत गाया ज्यों निकल कर बादलों की ओर से थी इक बूंद आगे बढ़ी तथा मंच संचालक व मंच के उप प्रधान हेमराज शर्मा ने अज्ज राम अयोध्या बिच आए जग रही दीपमाला गाकर समां बांध दिया , अध्यक्ष मंडल सदस्य बुद्धि सिंह चंदेल ने भारत की बेटी हूं पढ़ लिखकर प्रगति पथ पे बढ़ती जाऊंगी , मंच के संरक्षक व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चंद्रशेखर पंत ने जो मिल गया बढ़िया मिला है कहीं और इससे बढ़िया नहीं है तरन्नुम में सुनाया , मुख्य अतिथि समाज सेविका कला देवी ने कार्यक्रम की उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की तथा मंच के आयोजकों और पदाधिकारियों को अपना आशीर्वाद दिया ।