
जिला चंबा में लोक संस्कृति, यहां का रहन-सहन, खान-पान, पारंपरिक व्यंजन, कला, संगीत सहित अन्य सभी धरोहरों के बारे में पर्यटकों को जानकारी देना है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां का रुख करें। चंबा जिला को जिम्मेदार पर्यटन के माध्यम से आगे बढ़ाने का सभी एक साथ प्रयास करेंगे। वहीं, नॉट अॉन मैप संस्था के संस्थापक कुमार अनुभव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों सहित देशभर में पर्यटन को बढ़ाने के लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब भी पर्यटन बढ़ता है तो उसका लाभ होने के साथ ही कुछ नुकसान भी होते हैं। इसके नुकसान होने का आशंका तब और भी बढ़ जाती है, जब पर्यटन से जुड़े सभी लोगों के पास सही जानकारी न हो। यही कारण है कि पर्यटन से जुड़े बस, टैक्सी संचालकों, ढाबा, रेस्टोरेंट, टूअर आपरेटर, पैराग्लाइडिंग, कलाकारों, होटल तथा रेस्टोरेंट संचालकों सहित अन्य सभी लोगों को जागरूक करने के लिए इस अभियान को चलाया जा रहा है। उन्हें दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं, ताकि पर्यटन बढ़ने से होने वाले नुकसान से बचा जा सके या उसे कम किया जा सके।
वहीं, संस्था के सह संस्थापक मनुज शर्मा ने कहा कि हमें अपनी संस्कृतिक को बचाकर रखना है, ताकि अधिक पर्यटन से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। जिला चंबा में जितने अधिक पर्यटक आएंगे, उतना यहां के लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि रविवार को चमीनू में लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में उपायुक्त चंबा डीसी राणा, सस्टेनेबिलिटी सदस्य के तौर पर राज बासु के अलावा रिसपांसिबल टूरिज्म स्टेट कार्डिनेटर, नाट आन मैप संस्था के संस्थापक कुमार अनुभव तथा सह-संस्थापक मनुज शर्मा डॉ मोहिन्द्र सालारिया सहित प्रेरणा संस्था, चंबा कालेज में वीवाक के पर्यटन विषय के विद्यार्थी, टीम चंबा वैली संस्था अन्य लोग मौजूद रहे।