
मेला कमेटी की और से विशेष अतिथि को टोपी , शाल और स्मृति चिन्ह देकर स्मानित किया। वहीँ मेला कमेटी की और से (E,0)का तेहदील से शुक्रियादा किया।उसके बाद ठीक 2,30 बजे मेला कमेटी की और छिंज का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्यअतिथि के रूप मे केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य आर एन सिंह ने बतौर विशेष अतिथि शिरकत। मेला कमेटी के प्रधान अमर सिंग के द्वारा मुख्या को बेच साल औऱ टोपीऔर स्मृति चिन्ह देकर स्मानित किया। दूर दूर के लोगो का सुबह से ही मेला मे आना शुरू हो गया। जहाँ बच्चों और बड़ो ने मेले मे झुले का बहुत ही आनंद लिया। ये मैला अग्रेजो के द्वारा लगभग 1886 मे शुरू किया गया था । जिसको आज भी यहाँ के स्थानीय कमेटी के द्वारा इस मेला के परंपरा को उसी तरह से सजोए हुय है। बक्लोह के ये दो मेला बम्ब धारा और चिलामा का ये मेला आपसी भाई चारा को बनाये रखने के लिए अग्रेजो के समय मे शरू किया था। आज भी उसी तरह से लगातार चला आ रहा है। पहले कभी ये मेला चिलामा मेला से पहले हुआ करता था।परंतु वारिश के कारण इस मेला को जुलाई के दूसरे सप्ताह में करवाया जाता हैं।आज ये मेला जिला चम्बा के जाने माने मेलाओ में से एक माना जाता है। ये मैला इतना महशुर है। ये मेला बकलोह क्षेत्र का अंतिम मेला माना जाता है। इस लिया इस यहाँ के स्थानीय लोग इन दो मेलो में जमकर खरीदारी करते है।
यहाँ पर यु पी,पंजाब हरियाणा दिल्ली, हिमाचल और जेण्ड के दुकानदार लोग अपनी अपनी दुकानें लगाने के लिए एक माह पहले ही कमेटी से मिल कर अपनी जगह रोककर चले जाते है। इस मे लोगो ने जमकर खरीददारी की। इस मे पहली माली 11हजार जीतने हुयेऔर हराने वाले को 8 हज़ार दिया गया।,दूसरी माली वाले को जीतने वाला को 7 हज़ार ओर हराने वाले को 5 हज़ार वही तीसरी माली को 3 हज़ार और हराने वाले को 1500 दिये गए।इस मौके में मेला कमेटी सदस्यो के अलावा कई गणमान्य लोग शामिल थे। अंत में मुख्या अतिथि के द्वारा मेला कमेटी के सभी सदस्यों को मेला के सफल आयोजन के लिए धन्यावाद किया।